माल की खरीद पर टीडीएस धारा 194Q और धारा 206(C)(1H) से जुडा एक बड़ा सवाल सुधीर हालाखंडी
दिनाक 1 जुलाई 2021 से आयकर कानून में टीडीएस को लेकर एक नई धारा को194 Q लागू हो रही है जिसके अनुसार खरीददारों को अपने विक्रेताओं से प्राप्त माल की खरीद पर टीडीएस काटना है . इस धारा के सम्बन्ध में एक विस्तुत लेख पहले ही मैंने लिख दिया था लेकिन अब एक सवाल जो बार बार पूछा जा रहा है वह है कि जब क्रेता और विक्रेता दोनों का ही टर्नओवर 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए 10 करोड़ रूपये से अधिक हो तो क्रेता को टीडीएस काटना है या विक्रेता को टीसीएस एकत्र करना है ? या फिर दोनों ही को अपनी – अपनी जगह टीडीएस और टीसीएस जो भी लागू हो काटना या एकत्र करना है ?
आइये इस सवाल का जवाब जानने का प्रयास करें
लेकिन आइये पहले संक्षेप में समझ लें कि यह नईं धारा 194 Q क्या है ताकि हमें यह समझ आ सके कि यह समस्या क्या है जिसको लेकर यह सवाल पूछा गया है ?
जिन खरीददारों का बीते हुए वित्तीय वर्ष में टर्नओवर , सकल प्राप्ति या बिक्री 10 करोड़ रूपये से अधिक थी , माल की खरीद पर यह टीडीएस की धारा 194Q सिर्फ उन्ही खरीददारों पर ही लागू है . इस प्रकार 31 मार्च 2021 को जो वर्ष समाप्त हुआ है उस वर्ष में जिन क्रेताओं का टर्नओवर 10 करोड़ रूपये से अधिक था उन्ही को अपने “निवासी” विक्रेता से एक वितीय वर्ष में 50 लाख रूपये से ऊपर की खरीद होने पर से टीडीएस काटना है. यह टीडीएस पहले 50 लाख रूपये की रकम छोड़ते शेष रकम पर काटा जाना है . इस टीडीएस की दर 0.1% होगी.- 1 जुलाई 2021 से यह प्रावधान लागू है.
आपको ध्यान होगा कि पिछले वर्ष 1 अक्टूबर 2020 से इसी तरह का एक प्रावधान धारा 206(C)(1H) माल की बिक्री को लेकर आया था और वह भी अभी लागू ही है इसलिए अब यह सवाल उठना स्वाभाविक ही है . आइये एक उदहारण के जरिये समझें कि यह सवाल किन हालत में उठ रहा है
X & CO एक विक्रेता है और Y & CO एक क्रेता है। एक्स एंड कंपनी की बिक्री 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए 100 करोड़ रुपये है। Y & CO की बिक्री 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के दौरान 15 करोड़ रूपये थी.
अब चूँकि दोनों की ही बिक्री बीते हुए वर्ष में 10 करोड़ रूपये से अधिक है इसलिए यदि विक्रेता धारा 206(C)(1H) के तहत और क्रेता 194 Q के तहत आता है इसलिए तो सवाल यह है कि इसके बीच के व्यवहार पर , जहां भी लागु हो , क्रेता को टीडीएस काटना है या विक्रेता को टीसीएस एकत्र करना है .
आइये देखें की इस सवाल का जवाब क्या है ?
इस स्तिथि में आप ध्यान रखें कि कानूनी प्रावधान यह है कि क्रेता को 194Q के तहत टीडीएस काटना है और वह यह कर काट लेता है तो विक्रेता को इस प्रकार के व्यवहार पर धारा 206 (C) (1H) के तहत टीसीएस एकत्र करने की आवश्यकता नहीं है .
यहाँ यह भी ध्यान रखें कि क्रेता को हर हाल में ऐसे व्यवहार पर टीडीएस काटना ही है भले ही विक्रेता ने गलती से या सूचना के अभाव में टीसीएस काट लिया है तब भी क्रेता टीडीएस काटने से मुक्त नहीं होता है और यदि क्रेता टीडीएस काट कर जमा नहीं कराता है तो उस पर वे सभी प्रावधान लागू होंगें जो कि टीडीएस नहीं काटने और नहीं जमा कराने पर होते हैं जिनमें क्रय की गई राशि के 30 प्रतिशत रकम को आय में जोड़ने का प्रावधान भी है जो कि टीडीएस रिटर्न भरने के लिए आयकर की धारा 139 (1) में तारीख तक भी टीडीएस जमा नहीं कराने पर लागू होता है.
इस स्तिथि में क्रेता को X अपने विक्रेता को इसी समय यह सूचित कर देना चाहिए कि उसकी जिम्मेदारी धारा 194Q के तहत टीडीएस काटने की है और वह अब से ख़रीदे गए माल पर टीडीएस काटेगा अत: विक्रेता अब 1 जुलाई 2021 से टीसीएस एकत्र करना बंद कर दे.
क्रेता और विक्रेता के बीच पर्याप्त संवाद के जरिये इस समस्या को निपटा जा सकता है और यह संवाद समय रहते हो जाना चाहिए ताकि एक ही व्यवहार पर दो करों के कटने/ एकत्र होने से बचाया जा सके. आइये देखें कि इस सम्बन्ध में क्रेता को अपने विक्रेता को लिखना क्या है . इस सम्बन्ध में एक पत्र का नमूना अगले पृष्ट पर दे रहे हैं ,
इसे ध्यान से देखें और वांछित संशोधन कर इसे उपयोग करें एवं अपने विक्रेता को इसी समय भेज दें क्यों कि अब 1 जुलाई 2021 बहूत दूर नहीं है .
श्रीमान प्रबंधक महोदय
विक्रय विभाग/लेखा विभाग
एक्स एंड कंपनी
नई दिल्ली
श्रीमान,
विषय – धारा 194Q . के तहत टीडीएस काटने की हमारी जिम्मेदारी के सम्बन्ध में .
उपरोक्त के संदर्भ में यह सूचित किया जाता है कि 31 तारीख 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए हमारी बिक्री 10 करोड़ रूपये से अधिक है और हम आपकी कंपनी से हमारी खरीद पर टीडीएस काटने के लिए धारा 194Q द्वारा जिम्मेदार हैं और 1 जुलाई 2021 से हम हमारी खरीद आयकर कौन की धारा 194 Q के तहत टीडीएस काट लेंगे अत: आपसे निवेदन है कि आपके द्वारा हमें विक्रय किये गए माल पर आयकर कौन की धारा 206 (C) (1H) के तहत टीसीएस काटना बंद कर दें .
धन्यवाद
भवदीय
वास्ते Y & CO
(अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता)
ध्यान रखें कि माल की खरीद पर धारा 194Q टीडीएस काट लेने पर विक्रेता को टीसीएस से मुक्त कर दिया गया है लेकिन ऐसी कोई मुक्ति क्रेता को विक्रेता के टीसीएस धारा 206(C)(1H) काट लेने पर नहीं है. इसलिए माल के क्रय पर यदि धारा 194Q के तहत टीडीएस लागू होता है तो उसे यह टीडीएस काटना ही है और इसे जमा भी करना है.
क्या अब विक्रेता पूरी तरह से 206(C)(1H) से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं ?
ये भी एक सवाल है जो पूछा गया है तो ऐसा नहीं है . जो क्रेता डीलर्स धारा 194 Q के तहत टीडीएस काट लेंगे उनके मामलों में तो वे टीसीएस माल के विक्रय पर नहीं एकत्र करेंगे लेकिन जिन क्रेता डीलर्स पर धारा 194Q लागू नहीं होती है उनका तो टीसीएस तो उन्हें एकत्र कर जमा करना ही है. इसके लिए उन्हें भी अपने क्रेताओं से आंकड़े एकत्र करने होंगे जिससे तय हो सके कि उनका टीसीएस एकत्र करना है या नहीं . और यहाँ याद रखे कि बिक्री के यह आंकड़े हर वर्ष लेने होंगे क्यों बिक्री की रकम तो हर साल बदलती है.
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